1971 वॉर के दौरान हुए ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ के तहत पाकिस्तान की कमर तोड़ने वाले आईएनएस वीर और निपत गुरुवार को सेवा निवृत्त हो गये  हैं। 
•    दोनों युद्धपोत 22वें किलर्स स्क्वॉड्रन के गौरवशाली विरासत के उत्तराधिकारी हैं। आईएनएस वीर ने 29 और निपत ने 28 वर्ष की कमीशंड सेवा पूरी की है। 
•    आईएनएस वीर और निपत शुरू में ओएसए श्रेणी की मिसाइल बोट के रूप में भारतीय नौसेना में कार्यरत रहे। 
•    आईएनएस वीर और निपत को 100 नौसैनिक व 7 अधिकारियों द्वारा चलाया जाता है।
•    दोनों युद्धपोत को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि ये अधिकतम 42नॉटिकल मील (समुद्री मील) की रफ्तार से समुद्र में चल सकती हैं।
•    इनमें चार शक्तिशाली गैस टरबाइन इंजन हैं। 
•    दोनों पोत सतह से सतह पर हमला करने वाली 4 गाइडेड मिसाइल से लैस रहती हैं।
•    इसके अलावा इनमें एक मध्यम रेंज की एंटी-एयरक्राफ्ट गन एके-176, दो क्लोज रेंज की एके-630 गन, लघु क्षमता वाले हथियार और रडार भी लगे हुए हैं।