राष्ट्रीय सागरमाला सर्वोच्च समिति ने सागरमाला पर राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना को स्वीकृति दी
केन्द्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में बंदरगाह क्षेत्र के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 ऐतिहासिक रहा है।
• इस दौरान 34 पूँजी निवेश परियोजना के माध्यम से 94 एमपीपीए क्षमता का संवर्धन किया गया जो प्रमुख बंदरगाहों के इतिहास में सर्वाधिक है।
• बंदहगाह कुशलता के मामले में 20 प्रतिशत तक के सुधार के साथ एक वर्ष में 100 एमएन टन परिवहन तक की क्षमता तक पहुंचने वाला कांदला पहला प्रमुख बंदरगाह बन गया है जबकि जेएनपीटी 12 प्रतिशत के कुशलता सुधार के माध्यम से एक हजार करोड़ रूपये के सकल लाभ तक पहुंचने वाला पहला प्रमुख बंदरगाह बन गया है।
• पारादीप बंदरगाह ने 30 प्रतिशत कुशलता सुधार के साथ सर्वाधिक कोयला लदान के स्तर को प्राप्त किया है। उन्होंने जानकारी दी कि कार्गो संचालन क्षमता में 50 एमपीपीए की वृद्धि हुई है।
• प्रमुख बंदरगाहों का संचालन लाभ वित्तीय वर्ष 2013-14 के 27 प्रतिशत से सुधार करते हुए वित्तीय वर्ष 2015-16 में 39 प्रतिशत हो गया है। प्रमुख बंदरगाहों का संचालन लाभ भी वित्तीय वर्ष 2014-15 के 3,593 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2015-16 में 4,268 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
• इसमें करीब 670 करोड़ रूपये की वृद्धि दर्ज की गई है। बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और नए बंदरगाह/टर्मिनलों के विकास के लिए 72,818 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का फैसला किया गया है।
• आगामी समुद्री भारत बैठक बेहद महत्वपूर्ण होगी। बंदरगाहों से जुड़े विकास कार्यों में सीधे तौर पर 40 लाख लोगों के रोजगार सृजन और अप्रत्यक्ष रूप से 60 लाख लोगों को रोजगार देने की क्षमता है।
• एनएसएसी ने सागरमाला पर राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना को भी स्वीकृति दे दी। इस बैठक में ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पेयजल और स्वच्छता मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, नागर विमानन मंत्री श्री पी. अशोक गजपति राजू, इस्पात और खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावड़ेकर, पर्यटन, संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और नागर विमानन राज्य मंत्री डॉ. महेश शर्मा, उड़ीसा के मुख्य मंत्री श्री नवीन पटनायक, नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री अरविन्द पनगढ़िया के अलावा केन्द्रीय मंत्री और कई राज्य मंत्री भी शामिल हुए।