केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत के पहले रोटावायरस टिके की शुरूआत की
देश मे बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए सरकार ने 26-मार्च, 2016 को सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम(यूआईपी) के तहत रोटा वायरस टीके का शुभारंभ किया।
• इस टीके की शुरुआत फिलहाल चार राज्यों आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में रही है। बाद में इसे अन्य राज्यों में शुरू करने की योजना है।
• रोटावायरस टीका स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पीपीपी के तहत देश में ही विकसित किया गया है।
• पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में रोटा वायरस अतिसार (डायरिया) मृत्यु के सबसे बड़े कारणों में से एक है।
• देश में प्रति वर्ष करीब एक लाख बच्चों की रोटा वायरस डायरिया के कारण मौत होती है जबकि नौ लाख बच्चे हर वर्ष डायरिया के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं।
• इस टीके को प्रतिरक्षण कार्यक्रम में शामिल करने से न सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होगा बल्कि रोटावायरस से पनपने वाली अन्य समस्याएं मसलन, कुपोषण, बच्चों में देरी से होने वाले मानसिक और शारीरिक विकास आदि भी कम होंगी।
• 1985 में शुरू किया गया भारत का सार्वभौमिक प्रतिरक्षण कार्यक्रम दुनिया केसबसे बड़े प्रतिरक्षण कार्यक्रमों में से एक है।