इसरो ने तिरुपति में गिरी राडार प्रणाली स्थापित की
इसरो ने 21 मार्च 2016 को आंध्रप्रदेश के तिरुपति में गान्दकी आयनमंडलीय राडार इंटरफेरोमीटर (गिरी) की स्थापना की है.
• राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला में आयनमंडलीय उल्का तथा अंतरिक्ष अनुसंधान हेतु एक नई व्यापक राडार प्रणाली गान्दकी आयनमंडलीय राडार इंटरफेरोमीटर (गिरी) की स्थापना की गई.
• इसमें 30 मेगा हर्ट्ज की राडार प्रणाली है जिससे व्यापक स्तर पर आयन मंडलीय उल्का तथा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य किया जा सकता है.
• इसमें 20 x 8 मैट्रिक्स के 160 दो-अवयव वाले यागी ऐन्टेकना आयतीय एंटीना व्यूह लगे हुए हैं.इसके अतिरिक्त यह 160 कि.वा. का अधिकतम पावर प्रदान करने वाले बीस ट्रांसमीटर यूनिट, आँकड़ा संसाधन प्रणाली से युक्त छ: अंकीय अभिग्राही, एक राडार नियंत्रक तथा एक होस्टस कंप्यू़टर से सुसज्जित है.
• इसका मुख्य उद्देश्य आयनमंडलीय विसंगतियों पर सूर्य से (उदाहरणतः सौर फ्लक्स्, सौर स्फुरण, चुंबकीय तूफान में परिवर्तन) तथा नीचे वायुमंडल से (उदाहरणस्वरुप - मौसम की घटना द्वारा जनित तरंगें) आने वाले बल के अध्यपयन हेतु गैर- अवलोकित प्रेक्षणों को आयोजित करना है.
• गान्दकी के आस-पास 100 देशांतर की पट्टी को आवृत्त करते हुए आयनमंडलीय विसंगतियों के आकाशीय मानचित्र प्रदान करना.
• ध्रुवीकरण प्रक्रिया तथा अतिध्वनिक प्लाज्मा प्रवाह के अध्ययन हेतु तरंगदैर्ध्य- (10 मी.) के माध्यम से तथा द्वि-स्पंद तकनीक द्वारा डॉप्लर वेग का मापन करना.
• इलेक्ट्रो स्टैटिक प्रक्षोभ के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों का अध्ययन करते हुए आवधिक स्पंदन स्कीम के साथ व्यापक लक्ष्यों के डाप्लर स्पेक्ट्रम की माप कर उसके विषय में जानकारी प्रदान करना.
• इंटरफेरोमेटरी तकनीक का उपयोग करते हुए विसंगतियों के क्षेत्रीय अपवाह को मापना.
• लघु संरचनाओं तथा उनकी गति की इन-बीम इंटरफेरोमेट्रिक प्रतिबिंब प्रदर्शित करना
• राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला अंतरिक्ष विभाग द्वारा सहायता प्राप्त स्वायत्त सामाजिक संस्थान है.
• यह आंध्रप्रदेश के तिरुपति के समीप गान्दकी में स्थित है.
• यह देश में मौसम और जलवायु मॉडलिंग के लिए बुनियादी वायुमंडलीय अनुसंधान, स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास तथा वायुमंडलीय अनुसंधान के विकास का संचालन करने वाली संस्थाओं में से एक है.
• यह नियमित रूप से राज्य के अत्याधुनिक एमएसटी रडार, रेल / एमआईइ राडार, सीमा परत राडार, सोडियम राडार, लोअर वायुमंडलीय हवा प्रोफाइलर, और दोहरी आवृत्ति की जीपीएस रिसीवर को संचालित करता है.
• वायुमंडलीय अनुसंधान का संचालन करने हेतु इसकी सुविधाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के लिए उपलब्ध हैं.
• आई एस आर अपग्रेड के कारण यह दुनिया का पहला व्यापक कम अक्षांश वाला वेधशाला बन जायेगा.