उस्‍ताद बिस्‍म‍िल्‍लाह खान के बाद शहनाई वादक के तौर पर सबसे ज्‍यादा मशहूर रहे उस्‍ताद अली अहमद हुसैन खान नहीं रहे। 
•    77 साल की आयु में कोलकाता में उनकी मौत हुई .
•    हुसैन खान के पांच बेटे और पांच बेटियों के अलावा नाती-पोतों हैं। 
•    शहनाई संगीत में बनारस घराने से ताल्‍लुक रखने वाले हुसैन को उनके योगदान के लिए 2009 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्‍कार से नवाजा गया था। 
•    उनकी दक्षता क्‍लासिकल, सेमी क्‍लासिकल और लोकसंगीत में थी। 
•    वे बेल्‍ज‍ियम, रूस, स्‍व‍िट्जरलैंड, फ्रांस, ट्यूनीशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, हॉन्‍गकॉन्‍ग और फिलिपींस में परफॉर्म कर चुके थे। 
•    उन्‍होंने दूरदर्शन के 1973 के उद्घाटन कार्यक्रम में शहनाई बजाई थी। 
•    ऑल इंडिया रेडियो के टॉप कलाकारों में शुमार हुसैन खान आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में पढ़ाते भी थे। 2012 में पश्‍च‍िम बंगाल सरकार ने उन्‍हें बंगभूषण अवॉर्ड से नवाजा था। 
•    सीएम ममता बनर्जी ने उनकी मौत पर शोक जाहिर किया।