केंद्र सरकार ने मानव तस्करी से निपटने हेतु नया विधेयक-2016 जारी किया
केंद्र सरकार ने 30 मई 2016 को मानव तस्करी, रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास मसौदा विधेयक-2016 जारी कर दिया. महिला और बाल विकास मंत्रालय के अनुसार विधेयक में पीडि़तों का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है. नई दिल्ली में विधेयक का मसौदा जारी किया गया. साल के अंत में मानव तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक-2016 को संसद में रखा जाना है.
• नए विधेयक का उद्देश्य संबंधित कानूनों को समाहित करके मानव तस्करी की रोकथाम करना और तस्करों को कठोर सजा दिलाना.
• पीडि़तों को संरक्षण और पुनर्वास सुनिश्चित कराना है.
• मानव तस्करी के खिलाफ व्यापक कानून बनाए जाने के अतिरिक्त, विधेयक में विशेष न्यायालय और जांच एजेंसी की स्थापना का भी प्रावधान है.
• नए विधेयक में मानव तस्करी से संबंधित वर्तमान कानून की कमियों को भी दूर करने का प्रयास किया गया है.
• विधेयक में तस्करी पीडि़तों के पुनर्वास के लिए कोष बनाने का भी सुझाव दिया गया है.
• कई बार तस्करों और पीड़ितों दोनों को जल भेज दिया जाता है.
• मानव तस्करी से निपटने के लिए मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं हैं.
• सालाना लाखों लोगों की तस्करी हो रही है जिनमें से अधिकतर बच्चे हैं.
• नया कानून खासतौर पर मानव तस्करी से निपटने हेतु तैयार किया गया है.
• नए विधेयक में मानव तस्करी के अपराधियों की सजा को दोगुना करने का प्रावधान है.
• अपराधियों को एक ही अपराध दोहराने पर कड़ी सज़ा दिलाना
• ऐसे मामलों की तेज सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का भी प्रावधान है.
• ऐसे मामलों को पड़ोसी देशों के साथ संयुक्त कार्य समूहों द्वारा निपटाना और इसके लिए निवारक उपाय शुरू करना शामिल है.
• मसौदा विधेयक कानून के दायरे में बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार की सरकारों के साथ काम करने, तस्करी पर अंकुश लगाने और इन खामियों को उजागर करना है.
• कानून के मुताबिक पीड़ितों की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकेगा.